*रमज़ान
चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत ह,
चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत है।
चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत है।
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