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*रमज़ान








चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत ह,


चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत है।
चार रकअत की नमाज़ और हर रकअत में सूरह हमद के बाद 20 बार सूरह क़द्र पढ़ना। हज़रत अली (अ.स.) इस नमाज़ के सवाब में कहते हैं कि ख़ुदा इस शख्स के सारे गुनाह माफ़ कर देगा, उसकी रोज़ी का विस्तार करेगा और यह इस साल के उसके कामों के लिए काफ़ी होगा। दूसरा: रमजान की हर रात शुरुआती नमाज पढ़ना इनाम का स्रोत है।

सातवे रमज़ानुल मुबारक की दुआ

            सातवे रमज़ानुल मुबारक की दुआ
शुरू करता हु अल्ल्हा के नाम से जो बड़ा महेरबान और निहायत रहम वाला है. 
.ये बारे इलाहा. 
इस दिन मे रोज़ा रखने और नमाज़ पढ़ने मे मेरी मदद फरमा. 
इस दिन मे मुझे ज़बान की लर्ज़िशों और गुनाहो से दूर फरमा. 
मुझे हमेशा अपने ज़िक्र और याद मे मशग़ूल रहने की तौफ़ीक़ इनायत फरमा. 
अपनी तौफ़ीक़ से ये गुमराहों की रहनुमाई और हिदायत करने वाले. 


चौथे माहे रमज़ान की दुआ

अये मअबूद मुझे इस महीने मे तेरे अम्र के क़याम के लिए ताक़त अता कर और अपनी याद और ज़िक्र की हलावत मुझे चखा दे और अपने शुक्र की अदाएगी को मुझे इल्हाम फरमा अये बसारत वालो मे सबसे बड़े साहेबे बसारत 

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